बनना है तो किसी के होठों की मुस्कुराहट बनो,
आंखों का पानी बनने में क्या मजा।
जीना है तो औरों के लिए जी कर देखो ,
खुद के लिए जीने में क्या मजा।
हसरतें हो कोई तो उसे पाने की कोशिश करो ,
उन हसरतों को दिल में दबाने का क्या मजा।
अगर मंजिल लगे तुझे दूर तो चलते चलो,
थक कर बैठ जाने में क्या मजा।
झेलना है तो जिंदगी की परेशानियों को झेलो,
परेशानियों से डरकर मौत को चुनने में क्या मजा।
जिंदगी है चार दिनों की इसे खुल कर जिओ,
हर रोज उम्र को गिनने का क्या मजा।
बनना है तो किसी के होठों की मुस्कुराहट बनो,
आंखों का पानी बनने में क्या मजा।
----- नीतु कुमारी✍️
----- नीतु कुमारी✍️
Nice
ReplyDeleteSundar
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