हे मानव ! वक्त हैं अभी भी संभल जा,
पर्यावरण को यूं ना तू क्षति पहुंचा ,
जो आज तू ना संभल सका
सब कुछ ख़त्म हो जाएगा,
जो पर्यावरण ही ना बच सका
तो तू विकास कहां से कर पाएगा।
चलो आज हम एक प्रण ले,
वृक्ष हम लगाएँगे ,
अपने पर्यावरण को हरा - भरा बनाएंगे।
----- नीतू कुमारी ✍️
Nice ....
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