Monday, May 11, 2020

दूरियाँ

यूं दूरियाँ बर्दाश्त नहीं होती,
अब ये मजबूरियाँ बर्दाश्त नहीं होती,
बंद परिंदे सी जिंदगी हो गई है मेरी,
ये पाबंदियाँ बर्दाश्त नहीं होती।

तोड़ सारे बंधन,
उड़ जाने को जी करता है,
अगर कैद होना भी है तो,
आपके पलकों में कैद होने को जी करता है।

दिल में बस एक मलाल है,
की दूर हूँ आपसे,
पर दिल में एक सुकून है ,
की पास हूँ आपके।

यादों में ही सही ,
यादों की सौगातों में ही सही,
खुली पलकों के सामने ना सही,
बंद पलकों के आगोश तले ही सही। 
                                      ----- नीतू कुमारी  ✍️

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