वो खुश है, बसा के अपनी दुनियाँ नई,
और तू क्यों फिरती है,
बनी जैसे जोगन कोई ।
पल-पल, तिल-तिल जल रही है,
जल बिन जैसे मीन तड़प रही है।
हर पल है वो तेरी यादों में,
यादों में, तेरी साँसो में।
उसकी यादों में,
नैनों से यूं नीर बहाया ना करो,
तुम खुद को सजा देकर,
यूं रुलाया ना करो ।
की बेवफ़ाई तूने नही,
तूने तो वफा का रंग दिखाया,
बेवफा तो निकला वो,
जिसने कभी वफा ही नहीं निभाया।
तू सोच जरा तूने क्या खोया, क्या पाया ,
खोया तूने नहीं कुछ भी,
खोया तो उसने,
जिसने तुझे नहीं पाया।
देख जरा ये दुनिया बड़ी हसीन है,
फिर क्यों तेरी पलकें नमकीन है,
जबकि वो खुश है....
वो खुश है , बसा के अपनी दुनिया नई ।
----- नीतू कुमारी ✍️
👌👌
ReplyDelete✍️✍️✍️👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteSabko khush rehna chahiye
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