लम्हा लम्हा गुजर रहा तेरी जुदाई की याद में ,
लम्हा लम्हा तड़प रहा दिल उस पल की बेवफाई में ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
वो पल जिसने कर दिया जुदा मुझे
तुमसे हर रात तड़पने के लिए,
वो पल जो काफी है
आज भी मुझे बैचेन करने के लिए ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
दिल चाहता है उस पल का सामना फिर से हो
ताकि शायद रोक सकूँ तुम्हें,
वो जज़बातें जो हम जाहीर न कर पाएं कभी
वो होकर आजाद बन न जाए पैरों की जंजीर कभी।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
साँसों की हर तार पर बस है तुम्हारा ही नाम
याद करने के सिवा तुम्हें नहीं है अब कोई दूसरा काम ,
आकार दे दो मुझको मेरी मुहब्बत का सिला
की अब तो मुझको तुमसे है बस फासला ही मिला ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
कैसे दिलाये एहसास तुम्हें हम करते है प्यार कितना
रोता है दिल और बरसती है आँखें बस तुम्हारे ही लिए ,
मत लो और मेरा इम्तहान अब
ये गम-ए-जुदाई का और सहा नहीं जाता ,
चले आओं फिर से मेरी दुनियाँ में
करते है बस इतनी ही इल्तिज़ा अब हम,
और यूँ जुदा रहा नहीं जाता ।
----- नीतू कुमारी ✍️
लम्हा लम्हा तड़प रहा दिल उस पल की बेवफाई में ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
वो पल जिसने कर दिया जुदा मुझे
तुमसे हर रात तड़पने के लिए,
वो पल जो काफी है
आज भी मुझे बैचेन करने के लिए ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
दिल चाहता है उस पल का सामना फिर से हो
ताकि शायद रोक सकूँ तुम्हें,
वो जज़बातें जो हम जाहीर न कर पाएं कभी
वो होकर आजाद बन न जाए पैरों की जंजीर कभी।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
साँसों की हर तार पर बस है तुम्हारा ही नाम
याद करने के सिवा तुम्हें नहीं है अब कोई दूसरा काम ,
आकार दे दो मुझको मेरी मुहब्बत का सिला
की अब तो मुझको तुमसे है बस फासला ही मिला ।
लम्हा लम्हा गुजर रहा ....................
कैसे दिलाये एहसास तुम्हें हम करते है प्यार कितना
रोता है दिल और बरसती है आँखें बस तुम्हारे ही लिए ,
मत लो और मेरा इम्तहान अब
ये गम-ए-जुदाई का और सहा नहीं जाता ,
चले आओं फिर से मेरी दुनियाँ में
करते है बस इतनी ही इल्तिज़ा अब हम,
और यूँ जुदा रहा नहीं जाता ।
----- नीतू कुमारी ✍️
Gjbbbb likhi hai
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