Thursday, July 2, 2020

दिल के राज़


देखा आज उसे
बहुत दिनों के बाद ,
ताज़ा हो गए वो
सारे गुज़रे लम्हें
जो कभी बिताए थे
उसके साथ
दिल में जगा गए थे
जो कई जज़्बात।

एक बार फिर
पास वो मेरे आई, 
थोड़ी सी मुसकाई,
और हाल मेरा
उसने पूछ लिया ,
कुछ भी ठीक नहीं है, 
ये बताऊं उसे, कैसे ?
दिल के राज
दिखाऊं उसे, कैसे ?

वो पल भी तो
बहुत बेवफा था ,
जब राज-ए-दिल
अपना खोल न पाया,
दिल में छुपी उसके
लिए जो चाहत थी,
उसे बोल ना पाया,
देख सामने उसको 
होठ मेरे सील जाते थे,
सिर्फ उसे देखने की खातिर 
हम मिलों चले जाते थे।

उसकी एक मुस्कान पर
दिल अपना हमने वार दिया,
उसके नाम हमने तो
अपना पूरा संसार किया,
पर वो हो गई किसी और की,
और मेरे  पास रह गई 
सिर्फ उसकी यादें,
ये यादें अब दिल की
धड़कन बन गई,
उम्र भर के लिए
तड़पन बन गई।

                --- नीतू कुमारी ✍️

No comments:

Post a Comment

आपके सुझाव सादर आमंत्रित 🙏