Thursday, February 4, 2021

मौसम जिंदगी का


जिंदगी के मौसम का मिजाज़ 
हर कदम पर बदल रहा...,
कभी तूफ़ान, 
तो कभी वृष्टी का उफ़ान, 
कभी सर्द हवाओं से हौसला टूट रहा..., 
जिंदगी तेरी बेरुखी की तपिश से
मेरा कलेजा जल रहा...।
ए जिंदगी ! अब ये बता 
कब आएगी बसंत बाहर...,
खुशियों के रंगों की 
कब पड़ेगी फुहार....,
मेरी आकांक्षाओं का 
कब होगा श्रावणी  श्रृंगार...,
ए जिंदगी ! अब तू ही बता 
कब तक करू मैं
सुहाने मौसम के आने का इंतजार...।



नीतू कुमारी ✍️

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