स्त्री को कमजोर समझने वाले
हे! महापुरुष,
धिक्कार है तेरे पुरुषार्थ पर।
क्या? अपनी पुरुषार्थ का प्रमाण
तुम इस प्रकार दोगे,
नारी वर्ग का अपमान
हर प्रकार से करोगे,
कभी घरेलू अत्याचार ,
तो कभी अपनी कुपोषित
मानसिकता से प्रहार,
और सबसे घिनौना कृत्य
उसका बलात्कार।
स्त्री की गरिमा खंडित
करने वाले पुरुष नहीं
वो नपुंसक है,
कुंठित मानसिकता का
वो तो धोतक है।
जिस मार्ग से तूने
दुनिया में कदम रखा
उसका तू सम्मान कर,
तेरी पुरुषार्थ का यही होगा प्रमाण
कि तू स्त्री का ना अपमान कर।
अगर यही हाल रहा
तेरे पुरुषार्थ का तो
तेरा अस्तित्व ही मिट जाएगा ,
फिर तू अपना ये पुरुषार्थ का
मिथक किसे सुनाएगा।
तेरे पुरुषार्थ का दमन चक्र
कब तक स्त्री सहेगी,
तू और उसे कितना डराएगा
पर आखिर तुझसे स्त्री क्यों डरेगी,
यदि वह तुझे पैदा ही ना करेगी।
---- नीतू कुमारी ✍️
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